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Monday, March 30, 2020

परब्रम्ह प्रभु जी के अनमोल वचन(श्री भागवत गीता) भाग.24

श्री भागवत गीता

भाग.24



                             
🙏🏻 परमात्मा से प्रार्थना इतने गहरे भाव से करें कि आँसू आ जाएँ, किसी प्रकार की कोई आकांक्षा या मांग न रखें, क्योंकि परमात्मा से मांगना नहीं पड़ता, उनकी शरण में जाने से ही सब मिल जाता है। वास्तव में प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है, चाहे वो एक घंटे की हो या एक मिनट की .....यदि सच्चे मन से की जाये तो ईश्वर अवश्य सहायता करते हैं...."अक्सर लोगों के पास ये बहाना होता है की हमारे पास वक्त नहीं".......मगर सच तो ये है कि ईश्वर को याद करने का कोई समय नहीं होता प्रार्थना के द्वारा मन के विकार दूर होते हैं, एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने का बल मिलता है ||
   
प्रार्थना करते समय मन को ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध व घृणा जैसे विकारों से मुक्त रखें. प्रातः काल दैनिक प्रार्थना को जीवन का एक अनिवार्य अंग अवश्य बनाना चाहिए.....इससे न केवल शक्ति मिलेगी बल्कि बुराई या अकर्म के प्रति आसक्ति भी कम होगी..         
 🙏हे कान्हा, पग पग है तेरा आसरा, हर पग पर है तेरा साथ
❤ पग पग पे है तू रक्षा करता, पकड के मेरा हाथ❤
🙏 हरि हरि बोल 🙏 श्री कृष्ण: शरणम् मम: 🙏

कृष्ण भक्ति ने मुझे बहुत कुछ सिखा दिया...
मेरी मायूस और ख़ामोश दुनिया को हंसा दिया।
कर्ज़दार हूं हे नाथ ! मैं अपने "कृष्ण" का जिसने
मुझे आप जैसे परम "कृष्ण" भक्तो" से मिला दिया.....।।
❤ श्री राधे राधे🌺 जय श्री राधेश्याम ❤

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🙏 धन्यवाद जी।
आपके कमेंट हमारे लिए प्रेरणा है।